सरस्वती पूजा
सरस्वती पूजा सरस्वती पूजा प्रतिवर्ष बसंत पंचमी के दिन मनाया जाता है। यह पूजा माँ सरस्वती जिन्हें विद्या की देवी माना जाता है के सम्मान में आयोजित किया जाता है। भारत के कुछ क्षेत्रों में इसे बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है। माँ सरस्वती को विद्यादायिनी एवं हंसवाहिनी कहा जाता है। सरस्वती पूजा के आयोजन के ख्याल से ही छात्र-छात्राओं में जोश का संचार हो जाता है। प्रत्येक शिक्षण-संस्थानों में विद्यार्थियों द्वारा पूरी तन्मयता के साथ सरस्वती पूजा का आयोजन किया जाता है। बड़े-बूढ़े भी बच्चों को पूरा सहयोग देते हैं। छात्रों द्वारा अपने समूहों से तथा कुछ परिचितों से चंदा भी एकत्रित किया जाता है। छात्रगण पूजा के कुछ दिनों पूर्व से ही साज-सज्जा के कार्यों में संलग्न हो जाते हैं। पूजा के दिन छात्र-छात्राएँ प्रातःकालीन तैयार होकर पूजा पंडालों अथवा पूजन स्थल पर एकत्रित हो जाते हैं । माँ सरस्वती की प्रतिमा स्थापित की जाती है। बच्चे अपनी पुस्तकें भी प्रतिमा के सन्मुख रखते हैं। तत्पश्चात् विधिवत् पूजन कार्य सम्पन्न कराया जाता ह...