दिन प्रतिदिन बढ़ता प्रदूषण
दिन-प्रतिदिन बढ़ता प्रदुषण
प्रदुषण ने आज समस्त संसार को अपने आगोश में ले लिया है। संसार का शायद ही कोई ऐसा भाग बचा हो जो प्रदुषण के प्रकोप से से अछुता हो। पर्यावरण में मानव के अति हस्तक्षेप ने तो मानव के अस्तित्व को ही खतरे में ला खड़ा किया है।
आज घर हो या बाहर सर्वत्र मानवीय कियाकलापों ने प्रदुषण का प्रसार कर रखा है। वायु प्रदुषण एवं जल प्रदुषण से अलग ध्वनि प्रदुषण आज हमारे पास-पड़ोस का अंग बनती जा रही है। तीव्र ध्वनि वाले लाउडस्पीकरों एवं उपकरणों से मानव में एकाग्रता की कमी उजागर हुई है। बच्चे हों या बड़े सभी पार्टियों, टेलीविजन में प्रसारित कार्यक्रमों को उच्च ध्वनि में सुनना ज्यादा पसन्द करने लगे हैं। इसका प्रतिकूल प्रभाव दृष्टिगोचर होने लगा है। लोगों में श्रवण शक्ति का ह्रास बेचैनी तथा एकाग्रता की कमी बीमारियों का रूप ले चुकी है।
पर्यावरण में मानव के अत्यन्त हस्तक्षेप से सर्वप्रथम जल एवं वायु प्रदुषण की उत्पत्ति हुई थी। अनवरत गतिशील औद्योगिक कियाकलापों गृह निर्माण तथा कृषि कार्यों हेतु वनोन्मूलन परिवहन संसाधनों के विकास रेल मार्ग एवं सड़क मार्ग कर निर्माण आदि ने पर्यावरण को झकझोर दिया है। प्रदूषण को बढ़ाने में विश्व के पाच प्रमुख राष्ट्र हैं- चीन 23 प्रतिशत अमेरिका 18 प्रतिशत यूरोपीय देशों का समूह (13-98 प्रतिशत भारत 5-83 प्रतिशत और रूस 5-72 प्रतिशत। वायु प्रदुषण एवं जल प्रदुषण से पूरे विश्व पर खतरा उत्पन्न हो गया है। प्रदुषण के कारण कैंसर दमा एलर्जी उक्त रक्तचाप आदि बीमारिया आम होती जा रही हैं। प्रदूषण के दुष्प्रभाव-वश हमारे पौराणिक स्थल एवं इमारत क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। वन्य जीवों तथा पौधों की कई प्रजातियां या तो विलुप्त हो गई हैं या विलुप्ति के कगार पर हैं।
अतः आज के युवाओं को प्रदुषण को नियंत्रित करने हेतू सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों में हिस्सेदार बनना चाहिए। उन्हें प्रदुषण को नियंत्रित करने हेतु जनजागरण के कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करना चाहिए। पूरे विश्व में अस्त्र-षस्त्रों की होड़ तथा गैर-जरूरी वैज्ञानिक गतिविधियों को प्रतिबंधित करना होगा तभी हम प्रदुषणरहित विश्व की कल्पना कर सकते हैं।
शब्द संख्याः 232
THANK YOU VERY MUCH 4 WRITING THIS BEAUTIFUL ESSAY . IT HELPED ME TO DO MY HHW
ReplyDeleteTHANX for it help me to do my hindi home work
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteThank for the essay it helped me to do my hindi holiday home work
ReplyDeleteThank for the essay it helped me to do my hindi holiday home work
ReplyDeleteTHANK YOU VERY MUCH 4 WRITING THIS BEAUTIFUL ESSAY . IT HELPED ME TO DO MY HHW
ReplyDeleteTHANK YOU VERY MUCH 4 WRITING THIS BEAUTIFUL ESSAY . IT HELPED ME TO DO MY HHW
ReplyDeletePradushan is written wrong
ReplyDeleteWhat
DeleteThanks for You because You do Help me Pre.Test Exam 2018
ReplyDeletePublished by Neetesh Yadav
ReplyDelete।
ReplyDeleteIts was a very good and small sa and helped me in my homework.......
ReplyDelete