मेरा लक्ष्य : भ्रष्टाचार मुक्त भारत

मेरा लक्ष्य : भ्रष्टाचार मुक्त भारत

भ्रष्टाचार दो शब्दों के मेल से बना है – भ्रष्ट और आचार। भ्रष्टाचार का शाब्दिक अर्थ है भ्रष्ट आचरण। विश्व की तमाम अर्थव्यवस्थाएं भ्रष्टाचार से ग्रसित होती जा रही हैंऐसे में मेरा लक्ष्य मेरे देश भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना है। इसने हमारे देश की नींव को ही खोखला कर दिया है। देश अपनी गरिमा खोने लगा है। अतः मैंने अपने जीवन में ये लक्ष्य निर्धारित किया है कि जहां तक संभव हो मैं ना तो भ्रष्टाचार करूंगा और ऐसे सभी गतिविधियों का विरोध करूंगा जहां मुझे भ्रष्टाचार दिखेगा।

भारत सनातन युग से विश्वगुरु रहा है। भारतीय सभ्यता-संस्कृति ने पूरे विश्व के लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया है। भारतीय लोगों की वीरतासच्चाई और सभी धर्मों को खुद में समाहित करने के गुण ने इसे विश्व पटल पर अक्षुण्ण स्थान प्रदान किया हैपरंतु आज हमारे सोच में बदलाव और भ्रष्टाचारी गतिविधियों ने हमें विश्व में शर्मशार करने में कोई कसर छोड़ा है। वैसे तो भ्रष्टाचार का पैमाना और क्षेत्र अत्यंत विस्तृत है लेकिन अभी हम अपने देश के भीतर फैले भ्रष्टाचार की चर्चा करेंगे। यदि हम भ्रष्टाचारी गतिविधियों का सर्वेशन करेंगे तो पाएंगे कि आज देश के हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार फैला हुआ है। हम जन्म से लेकर मृत्यु तक हर समय या तो भ्रष्टाचार करते है अथवा इसके साक्षी बनते हैं।

निम्नलिखित कुछ उदाहरणों से इसे समझने में मदद मिलेगी :-

·        बच्चा जब जन्म लेता है उस समय अस्पताल में दाई और सफाईकर्मियों द्वारा चुपके से बकषिश मांगी जाती है। हम भी ये सोच कर पैसे दे देते हैं कि खुशी का समय हैलेकिन ये भ्रष्टाचार की शुरुवात है।
·        इसके पश्चात हम जब अपने बच्चों को यदि किसी प्रसिद्ध विद्यालय में दाखिला करवाने की कोशिश करते हैं और विफलता मिलती है तो पैसे खर्च कर दाखिला करवाने का प्रयास करते हैं। सबकी ये कोशिश होती है कि उसका बच्चा अच्छे विद्यालय में प्रवेश कर जाए। उस समय हमें इस बात का तनिक भी आभाष नहीं होता कि हम भ्रष्टाचार कर रहे हैं।
·        बच्चा जब बड़ा होता है और उसे किसी बड़े कॉलेज में दाखिला करवाने की जरूरत होती है तो हम अपने बच्चे के भविष्य हेतु किसी भी कीमत पर उसका दाखिला करवाने की कोशिश करते हैं। इस प्रकार हम खुद तो भ्रष्टाचार करते हैं और अपने बच्चों को भी ये सिखाते हैं।
·        सरकारी कार्यालयों में हम अपने काम करवाने के लिए या तो खुद घुस की पेशकश करते हैं अथवा घुस मांगने पर उस रकम को देने में नहीं झिझक दिखाते हैं। अफसरों द्वारा ठेकेदारों अथवा आपूर्तिकर्ताओं के द्वारा घुस की माँग की जाती है और ये लोग ये सोचकर उन्हें घुस देते हैं की उनका काम हो जाए।
·        इन सब से अलग सर्वाधिक भ्रष्टाचार आजकल राजनीतिक क्षेत्र में दृष्टिगोचर हो रहा है। हमारे देश में तो भ्रष्टाचार का पूरा इतिहास रहा है। पहले मुस्लिम शासक और फिर अंग्रेज़ देश में गद्दारी और भ्रष्टाचार के कारण ही अपने पाँव जमा पाये। हमारे नेताओं ने तो भ्रष्टाचार के मामले में इतने रेकॉर्ड कायम किए हैं कि इसे बताने में पूरा दिन कम पड़ेगा। काँग्रेस की पूर्व सरकार को अपने सत्ता को इसलिए ही खोना पड़ा क्योंकि उस सरकार में कोल घोटाला2जी स्पेकट्रूम घोटालाबोफोर्स तोप घोटाला इस कड़ी में कुछ उदाहरण हैं। नेतागण भ्रष्टाचार करना अपना हक समझते हैं। इसलिए इसमें दिन व दिन बढ़ोतरी ही हुई है।
उपरोक्त उदाहरणों से ज्ञात होता है कि भ्रष्टाचार ने किस प्रकार हमें प्रभावित किया है। अतः सभी देशवासी देश से भ्रष्टाचार का निवारण चाहते थे। देश की वर्तमान सरकार का चुनाव इस दिशा में एक कदम माना जा सकता है। कहने में यह अत्योशक्ति नहीं होगी की श्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इसे संकुचित करने का भरसक प्रयास किया है। इस क्रम में नोटबंदी और जीएसटी का लागू होना एक सकारात्मक कदम हो सकता है। देश में इलेक्ट्रोनिक माध्यम से भुगतान को बढ़ावा दिया जा रहा है। एलपीजी गैस और राशन कार्ड में आधार कार्ड को लागू करने और सबसिडी की रकम को लाभूको के बैंक खाते में भेजने से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगने लगा है। ये सब तो सरकारी प्रयास हैं लेकिन इसे और वृहत्त रूप में सफल बनाने के लिए हमें सरकार का साथ देना होगा।
आज के युवा ये प्रण करें कि वे हर जगह भ्रष्टाचार का विरोध करेंगे। सरकार को चाहिए कि जन हित से जुड़े मामलों को निबटारा करने वाले हर संस्थान में सीसीटीवी कैमरे लगवाएँ और उसका डिस्प्ले बाहर हो ताकि कोई अनैतिक गतिविधि हो तो लोग देख सकें। अधिक से अधिक भुगतान इलेक्ट्रोनिक माध्यम से किए जाएँ ताकि उनके भुगतान पर नजर रखा जा सकें। जो लोग भ्रष्टाचार करते पकड़े जाएँ उनपर त्वरित कार्रवाई की जाए और  मामलों का शीघ्र निबटान हो सके ताकि उसे बचने का कोई मौका नहीं मिले। पुलिस और सतर्कता आयोग में पर्याप्त लोग हों ताकि भ्रष्टाचारी की पहचान और पकड़ सही समय पर हो सके। न्यायालयों में न्यायाधीशों की संख्या को बढ़ाया जाये ताकि दोषी पकड़े गए लोगों पर त्वरित कार्रवाई हो सके। कार्रवाई में देरी से दोषियों का हौसला बढ़ता है।
उपरोक्त कुछ प्रयासों से हम अपने देश में फैले भ्रष्टाचार को रोकने में सक्षम हो सकते हैं। वैसे तो विश्व में हमारा देश भ्रष्टाचार के मामले में 82 वे नंबर पर है और रूस व चीन जैसे विकसित देश इससे कहीं ऊपर है। सोमालिया प्रथम पायदान पर कायम है। लेकिन सभी कंपनियों द्वारा नियमों के पालन में हमारा देश प्रथम स्थान पर कायम है और अमेरिका जैसा देश 8 वे स्थान पर है। इसका अर्थ है देश बदल रहा है।
भ्रष्टाचार पर कुछ लोगों के ये कथन प्रेरणादायक हो सकते हैं:-
डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम: अगर किसी देश को भ्रष्टाचार – मुक्त और सुन्दर-मन वाले लोगों का देश बनाना है तो मेरा दृढ़तापूर्वक मानना है कि समाज के तीन प्रमुख सदस्य ये कर सकते हैंपितामाता और गुरु
महात्मा गांधी : मैं किसी को गंदे पैरों के साथअपने दिमाग से नहीं गुजरने दूंगा
चार्ल्स केलेब कोलटन: भ्रष्टाचार बर्फ के गोले के सामान हैएक बार ये लुढकने लगता हैतो बढ़ता ही जाता है



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