डिजिटल इंडिया

डिजिटल इंडिया

भारत विश्व में तेजी से बढ़ता हुआ देश है। भारत की प्रगति और प्रगति के लिए किए गए प्रयासों की सारी दुनिया सराहना कर रही है। भारत की प्रगति में भारत के डिजिटलीकरण का बहुत बड़ा योगदान है। विगत कुछ वर्षों में हमारे देश ने पूरे विश्व पटल पर अपनी अहम छाप छोडी है। डिजिटल इंडिया ने हमें और हमारे देश की सभ्यता-संस्कृति को नए आयाम दिए हैं।

“डिजिटल इंडिया” क्या है और इसका भारत जैसे विकासशील देश के परिप्रेक्ष्य में क्या महत्व है, इसको समझने और आज के युवा पीढ़ी को गहराई से जानने की जरूरत है। “डिजिटल इंडिया” से तात्पर्य है भारत में दैनिक कार्यों में कम्प्युटर का सर्वाधिक प्रयोग। इस क्रम में सरकारी एवं गैर-सरकारी सभी संस्थानों में कम्प्युटर के माध्यम से इंटरनेट के प्रयोग द्वारा अथवा ऑनलाइन लेन-देन को बढ़ावा देना है। देश की वर्तमान सरकार ने “डिजिटल इंडिया” कार्यक्रम की शुरुवात की है।
डिजिटल इंडिया भारत सरकार की एक पहल है जिसके तहत सरकारी विभागों को देश की जनता से जोड़ना है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बिना कागज के इस्तेमाल के सरकारी सेवाएं इलेक्ट्रॉनिक रूप से जनता तक पहुंच सकें। इस योजना का एक उद्देश्य ग्रामीण इलाकों को हाई स्पीड इंटरनेट के माध्यम से जोड़ना भी है। डिजिटल इंडिया के तीन मुख्य घटक हैं-
  • (1)डिजिटल आधारभूत ढाँचे का निर्माण करना,
  • (2) इलेक्ट्रॉनिक रूप से सेवाओं को जनता तक पहुंचाना,
  • (3) डिजिटल साक्षरता।
डिजिटल इंडिया के 9 स्तंभ हैं: (i) ब्रॉडबैंड हाईवे (ii) सबको फोन की उपलब्धता (iii) इंटरनेट तक सबकी पहुंच (iv) ई-शासन (टेक्नालॉजी की मदद से शासन) (v)  ई-क्रांति (इलेक्ट्रानिक सेवाएं) (vi) सभी के लिए सूचना (vii) इलेक्ट्रानिक मैन्युफैक्चरिंग (viii) आईटी के जरिए रोजगार (ix) भविष्य की तैयारी के कार्यक्रम
कुछ लोगों का यह भी मानना है कि देश में डिजिटल इंडिया तबतक सफल नहीं हो सकता जबतक कि आवश्यक बीसीबी ई-गवर्नेंस को लागू न किया जाए तथा एकमात्र राष्ट्रीय ई-शासन योजना (National e-Governance Plan) का अपूर्ण क्रियान्वयन भी इस योजना को प्रभावित कर सकता है। निजता सुरक्षा, डाटा सुरक्षा, साइबर कानून, टेलीग्राफ, ई-शासन तथा ई-कॉमर्स आदि के क्षेत्र में भारत का कमजोर नियंत्रण है। आज भी साइबर अपराध की घटनाएँ बढ़ती जा रही हैं। कई कानूनी विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि बिना साइबर सुरक्षा के ई-प्रशासन और डिजिटल इंडिया व्यर्थ है। भारत ने साइबर सुरक्षा चलन ने भारतीय साइबर स्पेस की कमियों को उजागर किया है। यहाँ तक कि अबतक राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा योजना 2013 अभी तक क्रियान्वित नहीं हो पायी है। इन सभी वर्तमान परिस्थियों में महत्वपूर्ण आधारभूत सुरक्षा का प्रबंधन करना भारत सरकार के लिए कठिन कार्य होगा। तथा इस प्रोजेक्ट में उचित ई-कचरा प्रबंधन के प्रावधान की भी कमी है।
अतः देश की वर्तमान सरकार को उपरोक्त समस्याओं पर गंभीरता से विचार-विमर्श करना चाहिए। साइबर अपराध कानून को और सशक्त बनाने की जरूरत है। इंटरनेट के उपयोग को सरल और सुगम बनाना होगा। ये सभी उपाय किए जाएंगे तभी देश वास्तव में डिजिटल इंडिया के उद्देश्य को पूरा कर पाएगा।
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