स्वच्छता भारत की जरूरत


स्वच्छता भारत की जरूरत

स्वच्छता एक ऐसा मानवीय प्रयास है जो हमें साफ-सुथरा रहने को प्रेरित करता है। स्वच्छता हमें बीमारियों से परे रहने और स्वस्थ रखने में सहता करता है। भारत जैसे देश के परिप्रेक्ष्य में स्वच्छता अत्यंत महत्व रखता है। देश में स्वच्छता का माहौल नहीं है। लोगों में जागरूकता की कमी का खामियाजा हमें विदेशों में शर्मिंदगी झेलकर अदा करनी पड़ती है। इन सब कारणों से स्वच्छता भारत की जरूरत हो गयी है।

हमारा देश भारत तेजी से विकास की ओर दौड़ रहा है। देश की जनसंख्या जिस कदर से बढ़ रही है उसमें शंका नहीं की 2025 तक यह चीन को प्रथम पायदान से हटकर खुद को वहाँ स्थापित कर लेगी। जनसंख्या के इस सैलाब के कारण संसाधनों का दोहन जिस प्रकार से हुआ है, वह देश के लिए एक चिंता का विषय हो गया है। इसका सीधा प्रभाव वातावरण पर पड़ रहा है। वातावरण अस्वच्छ होता जा रहा है। लोगों द्वारा धड़ल्ले से जैविक संसाधनों यथा पेट्रोलियम और कोयला तथा वाहनों आदि के प्रयोग से प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। लोगों में प्लास्टिक जैसे पदार्थों के प्रयोग से जल, स्थल और वायु तीनों प्रदूषित होते जा रहे हैं। अतः भारत जैसे देश में जहां आज भी आधे से ज्यादा जनता शिक्षा से दूर हैं, उन्हें स्वच्छता के प्रति जागरूक करना एक बड़ी चुनौती बन गई है।

महात्मा गांधी ने वर्षों पहले कहा था “स्वच्छता हमें ईश्वर के पास ले जाती है” और उनका कहना था “मैं किसी को भी गंदे पावों से अपने मन से होकर गुजरने नहीं दूँगा”। स्वतन्त्रता के पश्चात कई सरकारें आयी और गयी लेकिन देश को स्वच्छ करने में भागीरथ प्रयास की कमी देखी गयी। 2014 में श्री नरेंद्र मोदी की सरकार आई और उन्होने स्वच्छता को एक संकल्प के रूप में लिया। 2 अक्टूबर 2014 को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता मिशन की शुरुआत की। उन्होने हर भारतीय को इस दिन संकल्प लेने को कहा कि न तो वे गंदगी करेंगे और न करने देंगे। श्री मोदी जी ने सभी सरकारी संस्थानों में सप्ताह में 1 दिन स्वच्छता कार्य करने को कहा गया। श्री मोदी जी देश के पहले प्रधान मंत्री के रूप में नजर आए जिन्होने स्वयं अपने हाथों में झाड़ू लेकर स्वच्छता का कार्य किया। इससे देशवासी इतने वशीभूत हो गए हैं कि आज लोग बढ़ चढ़ कर स्वच्छता के कार्यों में दिलचस्पी ले रहे हैं। पूरे देश भर में मंत्री गण, अधिकारियों, छात्र-छात्राओं तथा देश वासियों के द्वारा स्वच्छता संबंधी कार्य किए जा रहे हैं। अब देश बदलने लगा है और लोग गंदगी फैलाने से कतराने लगे हैं। इस क्रम में नदियों और पेय जल श्रोतों की सफाई पर भी ज़ोर दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री के इस प्रयास की तारीफ संयुक्त राष्ट्र संघ भी कर चुका है।

इस प्रकार हम देखते हैं कि स्वच्छता को हम पहले अपने दिनचर्या का हिस्सा नहीं समझते थे जिससे चहुंओर गंदगी बिसरती थी, लेकिन आज लोगों में सरकार ने जागरूकता फैलाकर देश को स्वच्छ करने में अहम भूमिका का निर्वहन किया है। आज देश बदल रहा है, देश के युवा को अब पता है कि देश को स्वच्छ करके ही भारत को विश्व में समान दिलाया जा सकता है। देश की वर्तमान सरकार ने 2 अक्टूबर 2019 (महात्मा गांधी की 150 वी जन्मतिथि) तक भारत को एक स्वच्छ राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है और हर देशवासी को इस संकल्प को पूरा करने में भागीदार बनाना चाहिए। हमें वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि वायु प्रदूषण को कम करने में सहायक सिद्ध हो। “एक कदम स्वच्छता की ओर” यह स्वच्छ भारत मिशन का मुख्य विचार है, हमें इसका पालन करना होगा। 

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