शिक्षा का महत्व

शिक्षा का महत्व

शिक्षा का जीवन में बहुत महत्व है। यह एक हथियार है जो कठिनाईयों से लड़ने में सहायक सिद्ध होती है। यह सोचने समझने, सही-गलत के बीच के अंतर को समझ पाने की शक्ति विकसित करती है।इससे कई अवसरों के मार्ग खुल जाते हैं, जो जिन्दगी में अच्छे मुकाम पाने में सहायता करते हैं।

इस पर लड़के-लड़कियों सभी का मौलिक अधिकार है।  एक आदर्श, सभ्य, सजग समाज वहीं बन पाता है जहाँ सभी शिक्षित हों। मानसिक, शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी ये अति आवश्यक है। सही शिक्षा किसी व्यक्ति, समाज या देश के भविष्य को सुनहरा बनाती है। एक सुशिक्षित व्यक्ति ही किसी भी समाज या देश का नेतृत्व करते हुए उसे प्रगति के पथ में ले जा सकता है।

शिक्षा पर विद्यालय, विश्वविद्यालय की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसे तीन वर्गो में बाँटा गया है:  1.प्राथमिक शिक्षा 2.माध्यमिक शिक्षा 3.उच्च शिक्षा.

इन सभी का अपने स्तर पर खास महत्व है जैसेप्राथमिक शिक्षा नींव होती है जो पूरे जीवनकाल में काम आती है और आगे की पढ़ाई का मार्ग खोलती जाती है। माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा भविष्य और जीवन के मार्ग बनाती है जिसपर निर्भर करता कि हम भविष्य में कैसे इंसान बनते हैं। अनुभव इसका एक महत्वपूर्ण अंग है जो हर दिन हर पल कुछ सीखाती है, जो किताबी ज्ञान से केवल संभव नहीं है, दोनों के सामंजस्य को ही सही अर्थों में शिक्षा कहा जाता है और जिसमें सामाजिकता-व्यवहारिकता का भी मिश्रण होता है।

अच्छी शिक्षा की प्रकृति सकारात्मक और रचनात्मक होती है। खेलकूद, नृत्य-संगीत सब इसके अंग हैं। आज का दौर आधुनिक तकनीक और प्रतियोगिताओं का है जिससे इसके स्वरूप में कई मायनों में बदलाव आया है। अब हर दिन कुछ नया जानने और समझने को होता है, जो उच्च स्तर की शिक्षा से ही हो सकता है।

बिना इसके हर इंसान अधूरा है क्योंकि सही निर्णय लेने की क्षमता उसमें नहीं पाती और वो स्वयं भी कई चीजो से वंचित रह जाता है। जीवन का असली मजा तभी है जब इसे जीने के तरीके हमें पता हो और जो केवल शिक्षित होने पर ही हो सकता है, यह समाज में मान-प्रतिष्ठा, आर्थिक उन्नति और जीवन को एक लक्ष्य प्रदान करता है। आधुनिक शिक्षा पुरी तरह सक्षम है भ्रष्टाचार और सामाजिक बुराईयों को दुरकर समाज में बदलाव लाने के लिए, हर ओर से ये सभी के लिए महत्वपूर्ण है।

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